₹5000 SIP vs ₹10 Lakh FD: जब निवेश की बात होती है, तो अक्सर दो सबसे आम विकल्प हमारे सामने आते हैं — फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)। दोनों का उद्देश्य है पूंजी बढ़ाना, लेकिन दोनों के तरीके और रिटर्न अलग-अलग होते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई व्यक्ति ₹10 लाख एकमुश्त FD में लगाए और दूसरा हर महीने ₹5,000 SIP में निवेश करे, तो करोड़पति कौन पहले बनेगा?
यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में होता है जो अपनी कमाई में से थोड़ी-बहुत बचत कर रहा है और चाहता है कि एक दिन उसका नाम भी अमीरों की सूची में हो। तो आइए जानते हैं कि कौन-सा रास्ता आपको करोड़पति बनने के करीब ले जा सकता है — FD या SIP?
फिक्स्ड डिपॉजिट में कितना रिटर्न मिलता है?
FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक पारंपरिक निवेश माध्यम है, जिसमें आप एक निश्चित राशि एक बार में जमा करते हैं और उस पर हर साल एक तय ब्याज दर के अनुसार रिटर्न मिलता है। वर्तमान में अधिकतर बैंकों में 5% से 7.5% के बीच ब्याज दर मिलती है। इस तुलना में हम 7% औसत ब्याज मानकर चलते हैं।
अगर आप ₹10 लाख की FD करते हैं और उस पर 7% का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है, तो 20 साल बाद यह रकम लगभग ₹38.7 लाख तक पहुंचती है। हालांकि FD में जोखिम बहुत कम होता है, लेकिन इसकी वृद्धि दर धीमी होती है।
SIP क्या ज्यादा बेहतर विकल्प है?
SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जिसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करते हैं। यहां औसतन 12% तक का वार्षिक रिटर्न मिल सकता है, हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव भी बना रहता है।
मान लीजिए कोई व्यक्ति हर महीने ₹5,000 SIP में निवेश करता है। अगर उसे 12% का औसत रिटर्न मिले, तो 20 साल में यह राशि लगभग ₹49.95 लाख हो सकती है। यानी FD की तुलना में SIP लंबी अवधि में ज्यादा लाभदायक साबित होता है।
तुलना: कौन देगा बेहतर रिटर्न?
निवेश का तरीका | निवेश राशि/मासिक SIP | ब्याज दर | अवधि | अनुमानित कुल रिटर्न |
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FD | ₹10,00,000 (एकमुश्त) | 7% | 20 साल | ₹38,69,684 |
SIP | ₹5,000 प्रति माह | 12% | 20 साल | ₹49,95,097 |
यह तुलना स्पष्ट करती है कि SIP में छोटा लेकिन लगातार किया गया निवेश, FD की एकमुश्त राशि से ज्यादा बड़ा फंड बना सकता है। जहां FD में पैसा सुरक्षित रहता है, वहीं SIP आपको समय के साथ ज्यादा रिटर्न देता है।
क्या FD पर्याप्त है?
FD को आमतौर पर एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं होता और रिटर्न स्थिर रहते हैं। लेकिन ₹10 लाख की FD के बावजूद अगर 20 साल बाद आपकी राशि ₹40 लाख के आसपास ही पहुंचे, तो यह करोड़पति बनने का पर्याप्त जरिया नहीं कहा जा सकता।
दूसरी तरफ SIP थोड़ा रिस्क भरा जरूर है, लेकिन समय और समझदारी के साथ इसमें बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। लंबे समय में शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और कंपाउंडिंग का फायदा ज्यादा मिलता है।
निष्कर्ष
अगर आप सोचते हैं कि एक बार में ₹10 लाख जमा करके आप करोड़पति बन जाएंगे, तो शायद आपको लंबा इंतजार करना पड़े। लेकिन अगर आप नियमित रूप से ₹5,000 SIP में निवेश करते हैं और इसे 20 साल तक जारी रखते हैं, तो आप करोड़पति बनने के और करीब पहुंच सकते हैं। FD जहां स्थिरता और सुरक्षा देती है, वहीं SIP ग्रोथ और धन सृजन का रास्ता दिखाती है।
जो निवेशक लंबे समय तक निवेश करने का धैर्य रखते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराते नहीं हैं, उनके लिए SIP एक बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि किसी भी निवेश निर्णय से पहले पूरी जानकारी लेना और अपने लक्ष्य के अनुसार योजना बनाना जरूरी है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य निवेश ज्ञान के उद्देश्य से है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना आवश्यक है। बाजार से जुड़ा हर निवेश जोखिम के अधीन होता है और इसमें गारंटीड रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती।