Land Registry New Rules 2025: जमीन खरीद-फरोख्त से पहले जान लें ये नया नियम, वरना हो सकती है बड़ी परेशानी

Published On: July 17, 2025
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Land Registry New Rules 2025

Land Registry New Rules 2025: आज के दौर में हर व्यक्ति एक स्थायी आशियाने की तलाश में रहता है, और प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना जीवन का एक बड़ा वित्तीय निर्णय होता है। लेकिन अगर आप साल 2025 में जमीन या फ्लैट खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी है कि आप जमीन के रजिस्ट्रेशन से जुड़े नए नियमों को ध्यान से समझें।

बहुत से लोगों को यह भ्रम होता है कि एक बार रजिस्ट्री हो जाने के बाद वे संबंधित संपत्ति के मालिक बन जाते हैं। हालांकि, अब इस सोच में बदलाव लाना होगा, क्योंकि 2025 की शुरुआत में सरकार ने रजिस्ट्री और स्वामित्व अधिकारों से जुड़े नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। ये बदलाव प्रॉपर्टी लेन-देन को पहले से अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।

अब केवल रजिस्ट्री करवा लेने भर से आप संपत्ति के कानूनी मालिक नहीं माने जाएंगे। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें रजिस्ट्री के बावजूद संपत्ति पर दावा वैध नहीं माना गया। इसलिए नए नियमों को समझना और उनका पालन करना अब और भी आवश्यक हो गया है।

रजिस्ट्री का मतलब अब सीधे मालिकाना हक नहीं

पहले यह आम धारणा थी कि जैसे ही कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवा लेता है, वह उस जमीन या फ्लैट का मालिक बन जाता है। लेकिन अब नए प्रावधानों के अनुसार रजिस्ट्री सिर्फ एक दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि आपने उस संपत्ति का लेन-देन किया है।

स्वामित्व का अधिकार अब तभी मान्य होगा जब आपके नाम पर म्यूटेशन यानी संपत्ति का रिकॉर्ड स्थानीय राजस्व विभाग में अपडेट हो जाएगा।

क्या हैं नए नियम?

  1. रजिस्ट्री एक कानूनी दस्तावेज भर है: यह केवल यह साबित करता है कि आपने संपत्ति खरीदी है, लेकिन इससे स्वामित्व अधिकार नहीं मिलता।
  2. म्यूटेशन अनिवार्य: अब म्यूटेशन यानी नामांतरण की प्रक्रिया को हर हाल में पूरा करना जरूरी कर दिया गया है। यह स्वामित्व सिद्ध करने के लिए आवश्यक दस्तावेज होगा।
  3. 30 दिनों की समयसीमा: रजिस्ट्री होने के 30 दिनों के भीतर म्यूटेशन कराना अनिवार्य है। यदि आप समय पर यह प्रक्रिया पूरी नहीं करते, तो भविष्य में कानूनी या वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  4. ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा: सरकार ने म्यूटेशन की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध करा दिया है। अब आप घर बैठे भी इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
  5. बिना म्यूटेशन नहीं मिलेगा लोन या निर्माण की अनुमति: यदि म्यूटेशन नहीं कराया गया है, तो आप उस संपत्ति पर बैंक से लोन नहीं ले पाएंगे और न ही किसी तरह का निर्माण कार्य शुरू कर सकेंगे। ऐसे मामलों में आपकी संपत्ति कानूनी दृष्टिकोण से अधूरी मानी जा सकती है।

क्या होगा इसका असर?

इन बदलावों से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े की घटनाओं पर लगाम लगेगी। साथ ही, इससे खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए यह स्पष्ट हो जाएगा कि संपत्ति पर किसका वैध अधिकार है।

यह नियम खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पहली बार प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं या ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन का लेन-देन कर रहे हैं, जहाँ अक्सर दस्तावेजी प्रक्रियाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता।

निष्कर्ष

संपत्ति खरीदना जीवन का एक बड़ा निर्णय होता है, इसलिए इससे जुड़ी हर प्रक्रिया को पूरी जानकारी और सतर्कता के साथ पूरा करना जरूरी है। नए नियमों के तहत केवल रजिस्ट्री करवा लेना पर्याप्त नहीं है; म्यूटेशन प्रक्रिया को समय पर पूरा करना अब आपकी ज़िम्मेदारी है। इससे न केवल आपकी संपत्ति सुरक्षित रहेगी, बल्कि भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद से भी आप बच सकेंगे।

Disclaimer:

यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी संपत्ति के लेन-देन से पहले संबंधित सरकारी विभाग, रजिस्ट्रार कार्यालय या कानूनी सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।

Aliya

Hello, I am Aliya a dedicated content writer and researcher specializing in government schemes, finance, current affairs, technology, and automobiles. With a keen eye for detail and a passion for public-interest journalism, I'm trying to simplifies complex topics to make them accessible and useful for everyday readers.

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