RBI New Rule 2025: RBI का नया नियम बना सकता है परेशानी का कारण, बैंक खाता धारकों के लिए ज़रूरी जानकारी

Published On: July 17, 2025
Follow Us
RBI New Rule 2025

RBI New Rule 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसानों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को दिए जाने वाले लोन के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले उधारकर्ताओं के लिए राहत भरा हो सकता है। अब बैंक किसानों और व्यापारियों को दिए जाने वाले ऋण के लिए सोने और चांदी को गहनों या सिक्कों के रूप में गिरवी यानी कॉलेटरल के तौर पर स्वीकार कर सकेंगे।

RBI द्वारा इस संदर्भ में एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इन नए नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को और अधिक सुलभ और लचीला बनाने की दिशा में उठाया गया है।

क्या है नया नियम?

RBI के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब MSME और एग्रीकल्चर लोन के लिए ग्राहक सोना या चांदी बैंक को कॉलेटरल के रूप में दे सकते हैं। इसका सीधा लाभ उन छोटे किसानों और व्यापारियों को मिलेगा जिनके पास आमतौर पर पारंपरिक ज़मीन-जायदाद जैसी गारंटी नहीं होती।

केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नया नियम ‘कॉलेटरल-फ्री’ लोन सुविधा को प्रभावित नहीं करेगा। यानी, जो लोन पहले बिना किसी ज़मानत के मिलते थे, वे अभी भी उसी तरह जारी रहेंगे। कॉलेटरल के रूप में सोना या चांदी देना पूरी तरह उधारकर्ता की इच्छा पर निर्भर करेगा। बैंक इस संबंध में किसी भी ग्राहक पर दबाव नहीं डाल सकते।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

RBI का मानना है कि इस बदलाव से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऋण प्राप्त करना अधिक आसान हो जाएगा। इससे क्रेडिट ग्रोथ यानी उधारी की प्रक्रिया में तेजी आएगी और बैंकों की पहुँच उन वर्गों तक भी हो सकेगी, जो अब तक औपचारिक बैंकिंग सिस्टम से दूर थे।

इसके अलावा, अब छोटे व्यापारियों और किसानों को नकदी की ज़रूरत पड़ने पर पारंपरिक ज़मानत के विकल्पों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उनके पास मौजूद कीमती धातुएँ, जैसे सोना और चांदी, अब आर्थिक मदद पाने का एक मजबूत माध्यम बन सकती हैं।

किन बैंकों और संस्थाओं पर लागू होंगे ये नियम?

RBI के नए नियम सभी कमर्शियल बैंकों पर लागू होंगे, जिनमें लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks), लोकल एरिया बैंक, और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) शामिल हैं।

साथ ही, ये नियम प्राइमरी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, स्टेट कोऑपरेटिव बैंक और डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंकों पर भी प्रभावी होंगे। इसके अतिरिक्त, सभी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियाँ (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियाँ (HFCs) भी इन दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य होंगी।

हालांकि, पेमेंट बैंकों को इस नियम के दायरे से बाहर रखा गया है।

पहले भी हुआ था प्रस्ताव

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने जून 2025 में इस विषय पर एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें विभिन्न हितधारकों से फीडबैक आमंत्रित किया गया था। कई संस्थाओं और विशेषज्ञों की राय के बाद अब यह सर्कुलर औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।

क्या-क्या होगा बदलाव?

  1. अब उधारकर्ता ₹10 लाख तक के MSME या एग्रीकल्चर लोन के लिए सोना या चांदी को गिरवी रख सकते हैं।
  2. पीएम मुद्रा योजना (PMMY) के तहत ₹10 लाख तक के लोन के लिए कॉलेटरल की ज़रूरत नहीं होगी।
  3. ₹2 लाख तक के कृषि ऋण पर भी कॉलेटरल की अनिवार्यता नहीं होगी।
  4. अच्छा क्रेडिट स्कोर रखने वाले एमएसएमई और लघु उद्यमों को ₹25 लाख तक का लोन बिना किसी ज़मानत के मिल सकता है।

निष्कर्ष

RBI का यह कदम न केवल उधार प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि यह ग्रामीण और छोटे उद्यमियों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इससे बैंकिंग सेक्टर में विश्वास बढ़ेगा और अधिक से अधिक लोग औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ सकेंगे।

Disclaimer:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंक या प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना उचित होगा। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।

Aliya

Hello, I am Aliya a dedicated content writer and researcher specializing in government schemes, finance, current affairs, technology, and automobiles. With a keen eye for detail and a passion for public-interest journalism, I'm trying to simplifies complex topics to make them accessible and useful for everyday readers.

Leave a Comment